अपने कार्य का सम्मान ही दिलाता है जीवन में सफलता.

 कई बार लोगों को आपने टिप्पणी करते हुए सुना होगा। लोग कहते हैं कि इस कार्य में कई वर्षों तक तो बहुत अच्छा मुनाफा रहा और उसके बाद आज की तारीख में कुछ भी विशेष इसमें बचा नहीं है। कितना ही प्रयत्न कर लीजिये कुछ विशेष यहां से हम अर्थ प्रयोजन निकाल नहीं पाते, इतने बेनिफिट की ओर नहीं जा पाते। वहीं उसी कार्य क्षेत्र में एक दूसरे व्यक्ति विशेष के पास में आप पहुंच जाइये। वह स्पष्ट तौर पर यह कहेगा कि नहीं साब मुनाफा तो इस कामकाज में अभी शुरू हुआ है। मैंने यह छोटे-छोटे परिवर्तन किए और इसके बाद में आज परिणाम आपके सामने है। 

         ग्रहीय व्यवस्था का आधार भी प्रमुखता के साथ में चलता है, किन्तु जो व्यक्ति की वाइब्रेशन और एनर्जी है उसकी जो सोच की प्रक्रिया है वो भी कार्य को आगे बढ़ाने वाली होती है। हम प्रत्येक दिन अपने कार्य को ही कोसने वाले हो जाते हैं जहां से हमारा जीविकोपार्जन चल रहा है उसी को हम नेगेटिविटी के साथ में लेकर चलते हैं। तो धीरे-धीरे जो आसपास का आभामंडल है वो भी उस नकारात्मकता को स्वीकार कर देता है और जो एक कार्य के अंदर वृद्धि होनी चाहिए वैसे ही रुकती चली जाती है। जब भी व्यक्ति अपने कामकाज में सोचता है कि आज भी लग नहीं रहा है कि मैं कोई अच्छा मुनाफा कर पाऊंगा। और एक व्यक्ति कहता है कि आज उम्मीद तो पूरी है कि अच्छी शुरुआत करेंगे और उसके बाद में बढ़त लेकर आगे बढ़ेंगे। दोनों ही सोच की प्रक्रिया में रात-दिन का डिफरेंस है तो जब भी हम अपने कामकाज के बारे में टिप्पणी करें, भले ही नौकरी पेशा जीवन हो वहां पर भी स्थितियां चलती है। 

      कुछ लोग कहते हैं कि अगर मैं सर्कमचांसेज के साथ नहीं होता तो शायद एक बहुत बड़ा व्यापारी बनकर उभरता। और कुछ लोग कहते हैं कि जहां से मुझे जीविकोपार्जन मिल रहा है वहां अपना शत-प्रतिशत देने का प्रयास भी कर रहा हूं और निरन्तर आगे भी बढ़ रहा हूं तो हमेशा अपनी सोच में, अपने कार्य के प्रति कृतज्ञता रखना और जहां से पूरे घर-परिवार का और अपना जीविकोपार्जन चल रहा है उसके प्रति सम्मान बढ़ाते चले जाना यह सबसे ज्यादा आवश्यक है। मन का यह स्पंदन एक लगातार वृद्धि की स्थितियों को क्रियेट करने वाला होता है, मनाने वाला होता है और जिसके आधार पर व्यक्ति अपने जीवन में सुगमता, सरलता और कृतज्ञता बेहद आसानी से लेकर आ पाता है। हम जिस भी कार्य के अंदर हों उसका पूर्ण रूप से सम्मान करें। सुधार क्या हो सकता है, अपडेशन क्या हो सकते हैं उसको जीवन में निरन्तर तौर के ऊपर लेकर चलने का प्रयास भी करते चले जाएं।

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