वर्ष 2021 का राशिफल मीन राशि के जातकों के लिए ।

   मीन : वर्ष 2021 का राशिफल

नव वर्ष की हृदय से अनंत शुभकामनाएं

नव वर्ष में किस उत्साह, किस आशा और किन उम्मीदों के साथ स्थितियां वर्षभर हमारे साथ रहने वाली होगी, इसको ग्रहों की स्थितियों के साथ एक आंकलन के साथ निक्षेपित करते हुए वर्ष 2021 में मीन राशि के जातकों के लिए क्या-क्या परिवर्तन, किस-किस क्षेत्र में ला रहा है तथा वर्ष पर्यन्त ग्रह गोचरीय व्यवस्थाओं के आधार पर चलने वाली स्थितियों का बारह ही भावों के साथ विश्लेषण क्या कहता है, इसकी समग्र चर्चा से विवेचन दिया जा रहा है, जिसे समझकर जातक उसी अनुरूप अपने प्रयासों की सार्थक हदों को प्राप्त कर सके।

प्रथम भाव- देव गुरु वृहस्पति राशि भाव के साथ में तीन-ग्यारह का संबंध बनाने वाले होंगे। भले ही देव गुरु नीचस्थ हो किन्तु आपके लिए निर्णायक मौकों पर आत्मविश्वास उपलब्ध रहने वाला होगा। व्यापारिक जीवन में इस वर्ष कोई भी महत्वपूर्ण शुरुआत करना चाहते हैं इस समय को आप बेहतर आधार मानकर चलियेगा। जनवरी 2023 तक की समय अवधि के अंदर आपके लिए इस 2021 में शुरू किया गया कामकाज एक अलग आधार पर और चरम पर पहुंचने का कार्य कर सकता है। सोच में संकुचित होकर अपने कर्म को कहीं पर भी आप अवरोध में लेकर नहीं आएं, ध्यान रखें। शनि देव राशि भाव को देख रहे हों तो ओब्जर्वेशन पर बहुत ज्यादा बिलिव करके चलियेगा यही ओब्जर्वेशन व्यक्ति को शीर्षस्थ स्थितियों की ओर पहुंचाता है। किसी कामकाज को करने से पहले उसको पूरे तरीके से योजना से लाते हैं, यही प्रवृतियां आपको विजेता बनाने की ओर अग्रसर करती है। नौकरी पेशा जीवन में बड़े परिवर्तन की ओर जाना चाहते हैं, भीतर के पराक्रम और कन्फर्ट जोन को छोडऩे के लिए द्वंद्व करने की आवश्यकता है। राहू पराक्रम भाव में हो, वृहस्पति उनकी स्थितियों को नियंत्रित कर रहे हों तो आप वहां पर भी अपने फ्लो को मेंटन करके चलने वाले हो सकते हैं।

द्वितीय भाव- कोई भी रुपया-पैसा अटका हुआ था, तो धनेश धन भाव के भीतर जनवरी और फरवरी के महीने में अपना इम्पेक्ट देने वाले होंगे तो उसी समय अवधि के अंदर ऐसे व्यक्ति तकाजा करने की ओर जा सकते हैं। किसी समझौते के साथ में भी फाइनेंसियल पोजीशन को एचीव करके चलना है तब भी संभावित प्रवृतियां बेहतर रहेगी। वाणी से किसी के साथ संबंधों में बिगाड़ नहीं लाए, भले ही कुटुम्बीजनों हो, दोस्त हो, पारिवारिक मित्रता के साथ चलती स्थिति हो उन सारी ही स्थितियों में जितना संभलकर चलते हैं, उतनी स्वयं के लिए बेहतरी देने वाले होंगे। धनागमन बढ़ रहा हो, संभावनाओं से अच्छे हो तो थोड़ा झुककर चलें जिससे अधिकाधिक धनागमन होता चला जाता है।

तृतीय भाव- राहू आपके पराक्रम को बढ़ाने वाले हैं। देव गुरु वृहस्पति की पोजीशन्नस भी सपोर्ट दे रही है। आप परिवर्तन किया और डेजिगनेशन की चाहत थी, जिसके साथ फाइनेंसियल गेन भी मिल गया इसको सोने पर सुहागा कहा जाएगा। मेटेरियलिस्टक लाइफ के खर्चों में कमी रहेगी। महत्वाकांक्षाएं उजागर होती है तो कई बार सहयोग देने वाली होती, ऐसे प्रवृति बनी हुई है। भाइयों और बहनों के साथ संबंधों में कान्ट्राडिक्शन नहीं आए, छोटी छोटी बातें बड़ी गफलत को जन्म देने वाली नहीं हो, ध्यान रखें। यात्राओं संबंधित कामकाज में ये पूरा ही वर्ष बेनिफिट देता नजर आ रहा है। आकस्मिक तौर पर ऑफर आए, आपने स्वीकार किया और जीवन वहीं से बदल गया, ये प्रवृतियां साथ में रहेगी।

चतुर्थ भाव- 5 अप्रैल से 14 सितम्बर 2021 तक का समय, जब देव गुरु वृहस्पति कुंभस्थ स्थितियों में रहेंगे और पांचवीं दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे, आपके कर्म के द्वारा मानसिक संतुष्टि मिलेगी। सर्विस इंडस्ट्री के कामकाज में निर्णायक स्थिति को हासिल करना चाहते हैं, तो वहां पर आपके लिए बेटरमेंट लगातार बने रहेंगे। जो भी कामकाज भूमि संबंधित स्थितियों के साथ अटके हुए थे, जहां वृद्धि की संभावना नजर नहीं आ रही थी, हम अपना आशियाना इस वर्ष बनाना चाह रहे थे या फिर किसी भूमि को खरीद कर आगे आने वाले वर्षों के अंदर वहां निर्माण की नींव रखने वाले थे, ये समय वहां आपके लिए बेहतर आधार देगा। हालांकि पूरा वर्ष बेहतर है। शनि देव जब एकादश हो, देव गुरु वृहस्पति द्वादश में हो, ऋण संबंधी स्थान को देख रहे हों, ऋण लेने की ओर जा रहे थे, ऐसी पोजीशन बहुत ज्यादा बेहतर रहेगी। माता स्थान से जुड़ाव चाहते थे, जो घर के आसपास हो, ऐसी स्थितियां भी सुदृढ़ तौर पर बेनिफिट देगी।

पंचम भाव- देव गुरु वृहस्पति अपने उच्च राशि स्थान को देख रहे हैं इसी वजह से एज्यूकेशन में जो भी बेनिफिट अटके हुए थे, वहां पर आपके लिए पोजीटिविटी है। माता पिता संतान का राशिफल देख रहे हैं तो ये ध्यान रखें कि जो अभी तक आपके बच्चे को अपनी शिक्षा के आधार पर उनकी काबिलियत के आधार पर अभी तक मनोवांछित स्तर नहीं मिल पाया है, ये वर्ष जो सामने है, शुरुआती तीन महीनों में और उसके बाद सितम्बर, अक्टूबर और नवम्बर के महीने में उनके लिए पूर्णकालिक तौर पर सहयोगी रहेगा। शिक्षा के साथ में जुड़ा हुआ जीविकोपार्जन भी सामने आ सकता है। ज्ञान आपने इतने वर्षों तक अर्जित किया, अब उसको यथोचित सम्मान मिलना चाहिए उसकी संभावित प्रवृतियां बनी रहेगी। संतान पक्ष के साथ में जुड़ाव बढ़ता चला जाएगा। क्षमताओं का आधार बहुत अच्छे से बना रहेगा। शेयर मार्केट संबंधी कामकाज में वर्षों तक गणनाएं की है, वर्षों तक निवेश किया, छोटी-छोटी पूंजी को लगाया, नौकरीपेशा जीवन में थे, एक छोटे से व्यापार के साथ में थे, अब उस पूंजी को रोटेशन में लाते हैं तो मन के भीतर एक सुखद अहसास स्थापित होता है कि मेरी इतने लम्बे समय की तपस्या, गणना वो आज कहीं-न-कहीं एक फलाफल को दे रही है। ऐसी प्रवृतियों के साथ संतुष्टि में भी चलने वाले होंगे। आगे आने वाले 10, 15 20 वर्ष के लिए निवेश करना चाहते हैं, इस निवेश की ओर बढऩा आपके लिए तात्कालिक तौर पर बेहतर रहने वाला होगा। संतान सुख की प्राप्ति चाह रहे थे, ये वर्ष वहां पर भी बेहतरी दे रहा है।

षष्ट भाव- 14 जनवरी से 12 फरवरी का समय रहेगा यहां आप अस्थिजनित विकारों से सावधान रहियेगा। वायुजनित विकार के साथ में कई बार आर्थेराइटिस की समस्या कहीं परेशान करने वाली नहीं हो। सावधानी बरतने की आवश्यकता रहेगी। ऋण संबंधी प्रवृतियों में वहां अपेक्षित सुधार है उसमें भी अप्रैल से सितम्बर का महीना ऐसी सारी पोजीशन को दूर हटाने वाला हो सकता है। आकस्मिक धन लाभ के साथ में जुड़ा हुआ स्तर आपको बेनिफिट देने वाला रहेगा। शत्रु इस वर्ष परेशान करने वाले नहीं है, किन्तु उनको ऐसा मौका नहीं दे, कि वो हावी हो पाए। अनुशासन की कमी आई शत्रु हावी हो सकते हैं। इसी वजह से 1 जनवरी के साथ संकल्प लेता है, मैं अनुशासित होकर चलूंगा। संकल्प को परिवर्तित कर दीजिये कि मैं आज से ही इस वक्त से ही अनुशासित हूं, अपने कामकाज के अंदर मैं प्रेसाइज केलकुलेशन के साथ चलूंगा।

सप्तम भाव- देव गुरु वृहस्पति की नौवीं दृष्टि वो सप्तम भाव पर बनी हुई है। व्यापारिक जीवन में गणनाएं आपको वाणिज्यिक बेनिफिट देती चली जाएगी। लोगों के साथ में जुड़कर भावी भविष्य की संभावनाओं को देखना, किसी नए कामकाज की ओर जाना और उसमें भी दूरदर्शिता को रखना ये सारे ही प्रमुख आधार आप अपने लिए स्थापित करके चलें। व्यापारिक साझेदारियों में बेनिफिट होते चले जाएंगे। शुरुआती एक महीने में कमीशनिंग और ब्रोकेज के कामकाज में अच्छी खासी सफलता की संभावनाएं साथ में रहने वाली होगी। गृहस्थ जीवन के साथ आप ध्यान रखें जो समय अंतराल अप्रैल से सितम्बर का समय कोई भी कान्ट्राडिक्शन को जन्म देने वाले नहीं हो। छोटी-छोटी बातें जो कई बार आकस्मिक तौर पर सप्रेशन तक पहुंच जाती है, ऐसी स्थितियों से दूर रहना हितगामी है।

अष्टम भाव- शनि देव अपने उच्च राशि स्थान को देख रहे हैं। रिसर्च, ऐनेलेसिस संबंधित कामकाज, कंस्ट्रक्शन संबंधी फील्ड में इनोवेटिव लेकर आना ये बेहतर स्तर है। विदेश संबंधी कार्यों में स्थायित्व की चाह रख रहे थे, यहां एकादश में विराजित ग्रह का, एकादशेश और द्वादेश का अष्टम भाव को देखना बहुत अच्छे से फलाफल में वृद्धि करने वाला होगा। यात्राओं के साथ जुड़े आकस्मिक धन लाभ के काम होते हैं, जहां पर भी अवसर आता है, आप कहते हैं कि कैसे पहुंचूंगा, वहीं एक बार स्वयं से बात कीजिये क्या पहुंचा जा सकता हैे ऐसे कार्य के लिए निकल पडिय़े, विजेता बनने की ओर अग्रसर है।

नवम भाव- केतु मोक्ष कारक ग्रह है हमेशा वक्रगत चलने वाले होते हैं। कुंजवत, मंगल फल करने वाले होते हैं। ये जब नवम भाव में हो तो आध्यात्मिक इच्छाशक्ति बढ़ती है। आध्यात्म का बीजारोपण होता है भौतिकता हावी नहीं हो पाती। आपके पास एक बड़ी गाड़ी, लग्जरी गाड़ी की चाह, उसके साथ और आगे चाह है, एक शहर घूमे तो दूसरे शहर घूमना है, ये महत्वाकांक्षाएं होती है, किन्तु यही बीजारोपण आध्यात्म के साथ आ जाता है, कि जो मिलेगा उसमें संतुष्ट रहेंगे, प्रयास करते रहेंगे, खुद को परेशान करने वाले नहीं होंगे। ये आध्यात्मिक स्पंदन है जो पूरे ही वर्ष चलने वाला है। अनुभव निर्णायक मौके पर सामने आकर कहेंगे ये सही है, ये गलत है। उच्च शिक्षा में इन्सटेंट बेस पर कोई भी निर्णय लेने से बचियेगा।

दशम भाव- शुरुआत में ही आपके कर्म के आधार में ऊर्जा बनी हुई है और वहीं से मानसिक सुख प्राप्त होता चला जाएगा। प्रबंधन में जो शुरुआती कुछ दिनों के लिए बुध आपको दशम भाव के साथ में सहयोग देंगे। ये जीवन यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए एक बेहतर हद आपके साथ में रहने वाली है। वर्किंग एक्सपर्टीज पर आपका जोर रहने वाला है। दशमेश है वो एकादश भाव में है और एकादश भाव से अपने उच्च राशि स्थान को देख रहे हैं जो आजीविका, कर्म का आधार है वो लाभ में है और लाभ के साथ में आपकी जिज्ञासाएं, ज्ञान को पाने की उत्कंठ आंकाक्षाएं जुड़ी हुई है, ये कोम्बिनेशन बन रहा हो तो जीवन में वर्किंग एक्सपर्टीज प्राप्त करके मन को संबल देने वाला होता है, जिससे चिंतित विचलित होने की आवश्यकता नहीं है।

एकादश भाव- शनि देव आपके लिए पुण्य फलों का उदय करने वाले हैं। द्वादश और एकादश के आधिपति एकादश में पूरे वर्ष रहेंगे। जब शनि देव वक्री होंगे तो जो भी कोर्ट -कचहरी मामलात चल रहे थे, विश्वास के साथ नहीं थे, यहीं से आपके लिए विश्वास निकलकर आने वाली प्रवृतियां सामने आती है। संतान पक्ष के साथ में सर्वांगीण लाभ जुड़कर आता है, वो भी एक स्पेशिफिक लेवल पर बना हुआ है। शेयर मार्केट में निवेश लम्बे समय का फायदा देंगे। पूंजी प्राप्त हुई है आप उसके निवेश में सावधानी बरतियेगा। व्यापार में जब लाभ होता है व्यक्ति सोचता है बढ़ोतरी करूं, किन्तु पहले आप अपनी फाइनेंसियल लिमिटेशन है उसका एक्सपांसन कीजिये, खुद को संबल दीजिये।

द्वादश भाव- द्वादश भाव लार्डशिप यहां एकादश हाउस के साथ जुड़ी रहने वाली होगी। इसी वजह से ध्यान रखें व्यय और व्यय के साथ लाभ पूर्णकालिक तौर पर आपको एक अलग तरीके का सहयोग दे रहे हैं। तकनीक से जुड़े हुए विदेश संबंधी कामकाज में अन्य शहर संबंधी कामकाज में भी फायदे की पूरी-पूरी उम्मीद आपके सम्मुख निहितार्थ रहने वाली होगी।

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