वर्ष 2021 का राशिफल कुंभ राशि के जातकों के लिए ।

  कुंभ : वर्ष 2021 का राशिफल

नव वर्ष की हृदय से अनंत शुभकामनाएं

नव वर्ष में किस उत्साह, किस आशा और किन उम्मीदों के साथ स्थितियां वर्षभर हमारे साथ रहने वाली होगी, इसको ग्रहों की स्थितियों के साथ एक आंकलन के साथ निक्षेपित करते हुए वर्ष 2021 में कुंभ राशि के जातकों के लिए क्या-क्या परिवर्तन, किस-किस क्षेत्र में ला रहा है तथा वर्ष पर्यन्त ग्रह गोचरीय व्यवस्थाओं के आधार पर चलने वाली स्थितियों का बारह ही भावों के साथ विश्लेषण क्या कहता है, इसकी समग्र चर्चा से विवेचन दिया जा रहा है, जिसे समझकर जातक उसी अनुरूप अपने प्रयासों की सार्थक हदों को प्राप्त कर सके।

प्रथम भाव- प्रथमेश वो देव गुरु वृहस्पति के साथ है इसी वजह से ज्ञान का आधार बना रहेगा। यदि आप किसी भी निर्णय को लेने में थोड़ा-सा इंतजार करते हैं, एक जॉब में चल रहे हैं, इंटरव्यू सामने आया है, वहां जल्दबाजी नहीं दिखाते, आराम से निर्णय को आगे बढ़ाते हैं। दो से चार-पांच दिन का समय लेते है, या अधिक गुजारते हैं तो तब स्थितियां स्पष्ट हो जाती है, कुछ लोगों से सलाह भी ले ली जाती है। फिर आगे बढऩे पर सफलता की संभावना रहती है। अपने निर्णय पर कहीं पर रिग्रेट नहीं रखना है। सोच का खर्च बहुत अधिक होने वाला है। विदेश में रह रहे हैं या फिर अन्य शहर में रह रहे हैं तो वहां पर भी आप पाएंगे कि संघर्ष की स्थितियां चलने वाली होगी। स्थितियों के साथ चुनौतियों को स्वीकार किया तो अंततोगत्वा यह वर्ष विजय की स्थितियों को सामने रखने वाला होगा। नौकरी पेशा जीवन में चल रहे हैं, यहां मानसिक तनाव बारम्बार सामने आ सकते हैं, व्यापारिक जीवन में चलायमान है, भरोसेमंद लोग थे वहीं से गफलत मिल सकती है। ये संभलने लायक स्थिति रहेगी। अवेयरनेस के साथ चलने का प्रयास करें। जहां ऊर्जा और संभावना देखते हैं वहीं सजगता की भी आवश्यकता उसी आधार पर है।

द्वितीय भाव- द्वितीयेश होकर देव गुरु वृहस्पति द्वादश भाव के भीतर रहने वाले होंगे। खर्चों पर आप नियंत्रण स्थापित करके चलियेगा। किसी भी व्यक्ति की परोसी हुई फैशीनेसन को अपने जीवन में जगह नहीं देते हैं, तो काफी हद तक संभलकर चलने वाले रहेंगे। किसी फैशीनेसन के साथ चलते हैं, दूसरे व्यक्ति के अनुभव जो कि कल्पनातीत स्थितियों में है, उसी के ऊपर भरोसा कर लेना, वहीं से अपने पथ को आगे बढ़ा देना, कई बार एक गलत रास्ते के मार्ग को प्रशस्त करने वाला होगा। वहां संभलियेगा। वाणी संबंधित कामकाज में आधुनिक युग में ह्यूमन रिसोर्सेज, वोकल संबंधित, मार्केटिंग या इवेंट को मैनेज करने के अंदर एंकर आदि की पोजीशन के साथ चलते हैं तो कन्वेन्सिंग पॉवर को डवलप करने के लिए शब्दों को खर्च करने की आवश्यकता रहेगी। एकाग्रता में कमी आ सकती है। आप जब भी पूरा कांसियस होकर अपने अनुभव को साथ में रखकर चलेंगे वहीं से विजय की ओर वाणी संबंधित क्षेत्र विशेष से चलता चला जाएगा। कुटुम्बीजनों के साथ सहयोग बना रहेगा।

तृतीय भाव- अनुशासन का साथ शुरुआत से ही अपने भीतर अपना लिया वहीं से सारी ही स्थितियों को परिवर्तिन करते चले जाएं। समय भले ही विद्रोह की प्रवृति के साथ में है किन्तु भाग्य निर्णायक मौकों पर सहयोग देगा। शनि देव उच्च राशि स्थान को देखने वाले होंगे। शुरुआती तौर पर मंगल भी भाग्य को सहयोग दे रहे हैं। कोई प्रमोशन अटकी हुई थी, मन के भीतर संकुचित हो रहे थे, ये वर्ष विशेष वहां आपके लिए संभावनाओं को उद्घाटित कर रहा है। अनुशासन संबंधी किसी भी क्षेत्र में, यांत्रिक विद्या, टेक्नीकल फील्ड या फिर इन्फोर्मेशन टेक्नोलाजी के साथ काम कर रहे हैं जहां शनि देव, मंगल और बुध की स्थितियां देखी जाती है वहां ये समय शुरुआती तौर पर ही आपके लिए सहयोगी रहने वाला होगा। विद्रोह कई बार ऊर्जा भी देने वाला होता है, कई बार क्लेसेज भी बनाता है, संभलकर चलें। भाई-बहिनों के साथ सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा था, जनवरी और फरवरी के महीने में वहां से उम्मीद नहीं करें, उसके बाद समय सपोर्टिव पोजीशन के साथ चलने वाला होगा। महत्वाकांक्षाओं पर नियंत्रण रखें। छोटी यात्राओं संबंधित कामकाज है तो वहां ऊर्जा भरपूर तरीके से आपके साथ में बनी हुई है।

चतुर्थ भाव-राहू आपकी अंतर चेतनाओं को प्रभावित करने वाले होते हैं, जब भी आप वक्ता की श्रेणी में होते हैं, किसी मीटिंग में होते हैं तो आपका अनुभव बोलता है, आप तात्कालिक तौर पर तो बोलते हैं, उदाहरण के साथ बोलते हैं कि 1992 में ये पोजीशन कामकाज में स्थितियां थी, 1997 में उस कंपनी में ऐसे कार्य किए थे, ये सारी ही केलकुलेशन आपके अनुभव के साथ बोलने वाली होती है। ये सब अवचेतन की स्थिति है, जो हरेक पोजीशन आपके भीतर एसेंस को रखने वाली होते हैं। चतुर्थ के राहू काल पुरुष कुंडली के अनुसार हृदय स्थान में शुक्र के राशि स्थान में जो कि व्यक्ति को इंटयूशन देने वाले होते हैं वहां हो तो अंतर चेतनाओं में नकारात्मकता की संभावना रहती है, किन्तु जब देव गुरु वृहस्पति पांचवीं अमृतमयी दृष्टि से धनेश होकर चतुर्थ भाव को और राहू की पोजीशन कंट्रोल कर रहे हों तो यह समझ लेना चाहिए लाभेश और धनेश की स्थितियां जब यहां हृदय भाव को और अंतर चेतनाओं को प्रभावित करने वाले ग्रह को कंट्रोल कर रहे हों तो हम जो भी मौका सामने आएगा, वहां बेहतर तरीके से डिलीवर करने वाले होंगे। माता स्थान के साथ में जो 5 अप्रैल से 14 सितम्बर 2021 तक का समय कोई भी विद्रोह निकलकर आने वाला नहीं हो। केमिकल संबंधी कामकाज में शुरुआत करना चाहते हैं, सर्विस इंडस्ट्री में शुरुआत करना चाहते हैं या फिर सिक्योरिटी एजेंसी लेना चाहते हैं और कामकाज को आगे बढ़ाना चाहते हैं ये सारे ही क्षेत्र विशेष बेहतर कहे जाएंगे। कामर्शियल व्हीकल संबंधी कामकाज में बहुत ज्यादा संभलकर चलियेगा।

पंचम भाव- शुरुआत में ही सूर्य देव 14 दिनों के लिए यहा पंचम भाव को सहयोग देने वाले होंगे इसी वजह से आप अपनी क्षमताओं के अनुरूप इस वर्ष की शुरुआत कर रहे हैं। संतान पक्ष के साथ विवाद निकलकर नहीं आए, वहां ध्यान रखियेगा। 5 अप्रैल से 14 सितम्बर और 20 नवम्बर से 31 दिसम्बर तक समय रहेगा ये संतान पक्ष के आधार पर बेहद अच्छा रहने वाला है। वजह है देव गुरु वृहस्पति जब कुंभस्थ रहेंगे पांचवीं दृष्टि से पंचम भाव को देखने से सर्वांगी सहयोग मिलने वाला होगा। आकस्मिक धन लाभ के किसी क्षेत्र विशेष के साथ में तीन महीने आपके लिए सीखने के है उसके बाद में अगले आठ से नौ महीने अर्निंग के है। ये दोनों ही सग्रीजेशन आपके साथ है। पहले गणनाओं के ऊपर ओब्जर्वेशन के ऊपर जोर देकर चलें और उसके बाद में अपनी स्थितियों को परिवर्ति करें। कब बैकफुट पर रहना है, और कब फ्रंटफुट पर आना है। कम्युनिकेशन निर्णायक मौकों पर आपका सहयोग भी देने वाला होगा। पारिवारिक वृद्धि की चाहत थी, संतान सुख की ओर जाना चाह रहे थे तब देव गुरु वृहस्पति कुंभस्थ रहेंगे आपको अच्छा खासा सहयोग मिलने वाला है। शिक्षा संबंधित क्षेत्र में शुरुआत में डिस्ट्रेक्शन रहेंगे, रिलेशन हावी रह सकते हैं, उसके बाद एकाग्रता के साथ में चलने वाले होंगे। पहले रिलेशन को डवलप कर रहे हैं, फिर शिक्षा में भी एकाग्रता के साथ एचीव कर रहे हैं, ये स्थितियां नजर आती है।

षष्ट भाव- आधुनिक युग में व्यक्ति कई बार ऋण से बहुत ज्यादा चिंतित रहता है। फाइनेंसियल बर्डन कम करूं। पहले कुछ हासिल करने के लिए फाइनेंसियल बर्डन बढ़ाना और एक ही उद्देश्य के साथ चलना कि बर्डन को कम करना चाहता हूं। देव गुरु वृहस्पति नीचस्थ स्थितियों में हो, अपने उच्च राशि को भी देख रहे हैं वो भी षष्ट भाव की स्थितियों के साथ में दृष्टि निक्षेपण हो तो व्यक्ति की फोकस एप्रोड एक ही रहती है, सबसे पहले अपनी मुझे फाइनेंसियल बर्डन कम करने हैं। कल की उम्मीदों के आसमान में फाइनेंसियल बर्डन, कर्ज, ऋण की स्थितियां नहीं हो ये स्थिति प्रेसाइज के साथ चलने वाली होगी। वृहस्पति की स्थितियां मोटापे संबंधित स्थितियों को और ज्यादा बढ़ाने वाली हो सकती है। अपने खान-पान पर नियंत्रण रखकर चलें। शत्रु यहां परेशान करने वाले नहीं होंगे। साढ़े साती का प्रथम अंतराल है, व्यक्ति यहां पर एक हावी होने वाली स्थितियों में चलता है, शत्रु साइड लाइन हो जाते हैं। कई बार ऐसी कही गई बात लोगों में कुंठा को देने वाली होती है, इसी वजह से जब लोगों को विपरीत स्तर से दूर हटा चुके हों तो उनको कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। बिजनस के एक्सपांसन की ओर जाना है, व्यापारिक स्तर पर नया करना है, बहुत ज्यादा केलकुलेटिव रहियेगा। ऋण की स्थितियों को टाल सकते हैं, उतनी बेहतरी है।

सप्तम भाव- व्यापारिक जीवन में शुरुआत ही एक्जिस्टिंग बेस लाभ के साथ हो रही है वो भी वाणिज्य के आधिपत्य सूर्य देव के साथ में है इसी वजह से आपने जहां अपनी एक्जिस्टिंग बिजनस के साथ केलकुलेशन के साथ जोर दे दिया वहीं से सफलता हासिल करते चले जाएंगे। 14 जनवरी से 12 फरवरी तक का समय अंतराल अपने गृहस्थ जीवन में आप बहुत ज्यादा संभलकर चलियेगा। दो तारा ग्रह यहां सूर्य देव के प्रभाव से अस्तगत होंगे, सूर्य देव अपनी प्रखर चेतना के साथ होंगे। आपको सिर्फ एक स्थिति नजर आ रही है, मैं सही हूं, मैं ही सही हूं, अगला व्यक्ति गलत हूं। किन्तु अगला व्यक्ति गलत है, गलत ही है, इसमें सारी नकारात्मकता अपने आप जन्म लेने लगती है। जितना उस पोजीशन से बचकर चलेंगे उतना ही स्थितियों के अंदर बेहतरी लेकर आते हैं। व्यापारिक साझेदारियों में बेनिफिट की एप्रोच बनी रहेगी।

अष्टम भाव- कामकाजी जीवन के अंदर आपके लिए हिडन प्रोबलम्स आ रही थी, वो काफी हद तक देव गुरु वृहस्पति के द्वारा नियंत्रित तो होगी किन्तु 5 अप्रैल से 14 सितम्बर के मध्य फिर से हावी रह सकती है। सजग होकर उस समय चलें। रिसर्च और ऐनेलेसिस के कामकाज जो कि विदेश के साथ जुड़ा हुआ है, या विदेश में रह रहे हैं, अन्य शहर में रह रहे हैं, ऐसी स्थितियों में अष्टम और दशम के साथ बन रहे हों। द्वादश के साथ में विदेश संबंधित गतिविधियों को देखते हैं, अष्टम भी वही है, जब देव गुरु वृहस्पति चतुर्थ पर निक्षेप रखते हैं तो कहीं जाना बहुत जल्दी अपने कन्फर्ट जोन को हासिल कर लेना ये प्रवृति है। ऐसा सिर्फ अन्वेषण के काम में नजर आता है।

नवम भाव- शनि देव की स्थितियों के साथ संघर्ष और कर्तव्यनिष्ठा निकलकर आती है। भौतिकता के दावानल में यह समझने का प्रयास करता है कि वास्तविक तौर पर सुख में आध्यात्मिकता में है। वहीं पर जीवन एक नव ऊर्जा को प्राप्त करता है। कर्म का जब असर आपके आध्यात्मिक चिंतन पर नजर आता है तो व्यक्ति थकता नहीं है। शनि देव की यही प्रवृतियां आपके साथ में चलने वाली होगी। जब भी आप अपने कार्य को पूर्णतया समर्पित करके चलते हैं इश को तो हारने की संभावना नहीं रहती। अनुभव जनित स्थितियां आपके साथ लगातार बनी रहेगी।

दशम भाव- केतु आपको कर्म में इन्सटेंट बेस पर इनडलज करने वाले हो जाते हैं, जहां संभावनाएं नहीं तलाश रहे थे, वहां पर भी आप कहते हैं कि एक बार प्रयास करके देखता हूं वहीं से कई बार विजय सामने आती है। किन्तु इसके साथ संघर्ष भी बने रहेंगे, संशय में भी रहेंगे, ध्यान रखें। प्रबंधन में गलत निर्णय लेने से बचें। पिता के साथ कामकाज में भी आप परोक्ष तौर पर अधिकार बताने का प्रयास करते हैं, अभी तक अनुभव लें उसके बाद में अधिकार अपने आप हासिल होता चला जाता है। कई बार व्यक्ति काममनाएं और आकांक्षाएं रखता है, किन्तु आपका कर्म आपको वहां पहुंचा रहा है, केवल पथ पर चलने की आवश्यकताएं है।

एकादश भाव- शुरुआत में ही पुण्य फलों के उदय की पूर्णकालिक स्थितियां आपके साथ में रहने वाली होगी। ये सकारात्मक एप्रोच आपके लिए है। लगातार लाभ में खर्चों की प्रवृतियां बनी रहेगी। आप शुरुआती तीन महीनों में चिंतित नहीं हो।

द्वादश भाव- जो कोर्ट-कचहरी संबंधित मामलात है, तीन महीने संभलकर चलें, जितना धीमेपन के साथ चल सकते हैं, उतनी आपके लिए बेहतरी रहेगी। विदेश संबंधित कार्य में वृद्धि की संभावनाएं है। अनर्गल खर्चे परेशान कर रहे थे, शुरुआती तीन महीनों में नियंत्रित रहेंगे, उसके बाद एक्सपेंसेज ड्रिवन एप्रोच आ सकती है।

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