संस्मरणों से मिलती है जीवन में नई ऊर्जा..Memories bring new energy in life

 कुछ घटनाएं और कुछ संस्मरण हमारे जीवन के ऊपर बहुत गहरा प्रभाव छोड़कर जाते हैं और ये संस्मरण और ये घटनासंस्मरणों एं उसका एसेंस जीवन को एक सफलता की ओर लेकर जाता है। उसका एसेंस हमारे पूरे ही आभामंडल को प्रभावित करने वाला होता है। तो ऐसे संस्मरणों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए, ऐसे संस्मरणों को आत्मसात करके संघर्ष की ताकत हासिल करनी चाहिए।

 एक ऐसा ही संस्मरण कुछ दिन पहले मेरे सामने भी आया और मुझे लगा कि दैनिक राशिफल के इस कार्यक्रम में आप सभी के साथ उस संस्मरण को साझा करते हुए आगे बढ़ूंगा। एक व्यक्ति कार्पोरेट क्लचर में एक ओहदे के ऊपर पहुंचे हुए, टेलीफोनिक वार्ता उनसे हो रही थी। उन्होंने यह बताया कि मैं आपके कार्यक्रम बहुत लम्बे समय से फोलो करता हूं और साढ़े साती का जब अंतराल प्रवेश कर रहा था जीवन में तो मुझे ऐसा लगा कि कार्पोरेट क्लचर में कोई कांस्परेसी मेरे साथ में हो सकती है। कोई परेशानी मेरे सामने आ सकती है। और ऐसा हुआ भी। मुझे उस जॉब से हाथ धोना पड़ा। किन्तु जब तक मैं उस जॉब में था मुझे लगता था कि यही जीवन है इससे बाहर मैं कहीं और देख नहीं सकता। इसके बाहर मेरा अस्तित्व कुछ भी नहीं है। और उम्र में 22-23 साल तक व्यक्ति जब एक ही जगह कामकाज कर चुका है, अपनी पोजीशन्स को बना चुका हो, जब वहां से फारिख होता है तो उसकी स्थितियां मनोस्थितियां हम समझ सकते हैं कैसी होगी। किन्तु वहां कोई भी रिग्रेट नहीं था। उस व्यक्ति की सोच के साथ में एक पोजिटिव एप्रोच यह थी कि बचपन मे मैंने एक हुनर विकसित किया था। अभी इन महीनों में मुझे ऐसा लगा है कि शायद वही हुनर मुझे फिर से आजीविका के साधन के साथ लेकर चल सकता है। मैं अगर कार्पोरेट कल्चर में नीचे स्तर की शुरुआत करूंगा तो हो सकता है कि फिर से जवानी जी पाऊं। इस केबिन्स के अंदर लम्बे समय से मैं बैठ रहा था, फिर से हो सकता है कि फील्ड वर्क करना मुझे पड़ जाए। ये एक एप्रोच थी। वही उस व्यक्ति ने यह भी कहा कि जो यहां अनुभव जो पॉज मुझे मिला, उसने यह बताया कि जहां हम चल रहे हैं, जिस घेरे के साथ में चल रहे हैं वही जीवन नहीं है। उससे बाहर निकलकर देखना कुछ एक अलग एप्रोच के भीतर देखना बहुत महत्वपूर्ण स्थिति है। तो ऐसी सकारात्मकता, ऐसी पोजीटिवि की रिक्वायरमेंट हम सभी को जीवन के भीतर बहुत अच्छे से रहती है।

 हम कहीं पर भी हों फिर से एक तरह से शुरुआत की जा सकती है। वहां पर दिमाग से एक बार इस पोजीशन को हटा दिया जाए कि हम कहां पहुंच गए थे, और फिर से कहां से शुरुआत कर रहे हैं। जीवन कहीं से भी शुरू हो सकता है। और यही प्रेरणा पुंज भीतर जब स्थापित हो पाए तो व्यक्ति आनंद बहुत अच्छे से ले पाता है। और प्रत्येेक क्षण अपने जीवन को बहुत अच्छे से देखता हुआ भी प्रतीत होता है। यह याद रखा जाना बहुत ज्यादा आवश्यक है कि असफल वही होता है जो प्रयास करता है, लड़ता जो व्यक्ति बहुत अच्छे से है वही हारता भी है। जिसने कभी लडऩे का प्रयत्न ही नहीं किया अपने स्थितियों के साथ में जिसने कभी प्रयास ही नहीं किया वो न तो असफल है और न ही कभी हारने की स्थितियों की ओर जाएगा। वो सिर्फ और सिर्फ दर्शक बनकर रहता है। मेरा आपसे नम्र निवेदन है कि अपने जीवन के और अपने आसपास की स्थितियों को सिर्फ और सिर्फ दर्शक बनकर नहीं रहें। हम एक समालोचक बनकर नहीं रहें, हम अपने प्रयास निरन्तर तौर के ऊपर करते रहें। खुद को निखारने का प्रयत्न करना भी बहुत ज्यादा आवश्यक है। जो व्यक्ति अपनी सोच में बहुत गहराई के साथ में उतरता है, जो व्यक्ति अपने भीतर विश्वास स्थापित करता है वो सारी ही नेगेटिविटी को दूर करता चला जाता है। आज परेशानी है, आज संघर्ष हैं, किन्तु कल से फिर एक नई सुबह होगी। हमको अपनी तैयारी करनी है। और जब समय और भाग्य की स्थितियां रास्ते में खड़ी मिले तो यह याद रखना आवश्यक है कि हम कितना प्रिपेयर थे, हमने खुद को कितना भर रखा था भीतर से उस ऑप्च्यूरिनिटी को ग्रेप करने के लिए।

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