रुचक योग: जीवन को उर्जावान बनाने वाला योग. Ruchak Yoga to make life energized.

 

मुस्कुराहट के साथ में दिन की शुरुआत कीजिये और फिर आप देखिये कि पूरा दिन किस तरह से चहकता हुआ नजर आता है। पिछले दिन जब हम सोए थे, कितनी ही चिंताएं हमारे सामने थी, कितनी ही व्यग्रताएं सामने थी, किन्तु जब उठें तो प्रकृति प्रदत्त सवेरा भी सामने होता है और मन में भी एक उजाला लगातार हमारे सामने हो। जिससे कि एक नई चमक हो, एक नई उम्मीद की व्यवस्था हो। प्रत्येक क्षण जीवन में संघर्ष है किन्तु हम उससे अगर पार पाना चाहते हैं तो खुद के भीतर एक मुस्कुराहट एक नई चमक बिखेरनी होती है जिससे अगला व्यक्ति प्रभावित होता है और वहीं से एक सकारात्मकता का दौर जीवन में आता हुआ दिखाई देता है।

ऊर्जा से जुडी हुई व्यक्ति की इच्छाशक्ति योग के समान है।

रुचक योग उसकी चर्चा करता हूं। आपकी लग्न कुंडली के भीतर आप देखें तो जो चारों ही केन्द्र है उसके भीतर अगर मंगल उच्चस्थ स्थितियों में विराजमान हो या फिर स्वग्रही विराजमान हो अर्थात् मेष राशि स्थान में, वृश्चिक राशि स्थान में तथा  मकर राशि स्थान में विराजमान हो तो उसको हम रुचक योग कहते हैं।

व्यक्ति जीवट तौर के ऊपर अपनी जिंदगी को जीने वाला होता है। वह कहीं पर भी हार जाए, कहीं पर भी थक जाए लेकिन जब भी अगले सुबह उठता है तो पूरी उम्मीद के साथ में उठता है। ये रुचक योग की बहुत बड़ी विशेषता है। लग्न भाव के भीतर अगर रुचक योग बन रहा हो तो व्यक्ति का जो Aura है उसका आभामंडल है, उसकी चमक-दमक बहुत अलग होती है। चतुर्थ भाव में हो तो भूमि संबंधित फायदे बेहतर स्तर के साथ मिलते हैं। गृहस्थ जीवन में भले ही हल्की-फुल्की परेशानियां आए किन्तु ऐसा व्यक्ति एक सफल व्यापारी होता है।

यदि दशम भाव में वही रुचक योग की स्थिति बन रही हो तो व्यक्ति अनुशासन के साथ में जीवन जीता है और अपने जीवन की आधारशिला पर दूसरे लोगों के लिए एक मोटिवेशन के लेवल को भी क्रियेट करने वाला होता है। कई बार व्यक्ति अपनी वाणी से लोगों को मोटिवेट करता है, कई बार अपने औरा से करता है और कई बार जो उसके कर्म की अमिट छाप छूट रही है उसके साथ में वो लोगों को बहुत अच्छे से मोटिवेट करने वाला होता है इसको कहा जाता है कि हमने ऐसे जीवन को जीया जहां से लोग ऊर्जा प्राप्त करते चले गए तो ये स्तर, ये विधान अगर भीतर स्थित हो तो आप देखिये कि जीवन अलग लेवल के साथ में चलता है।

अगर जीवन में रुचक योग है तो और ज्यादा ऊर्जा के साथ में चलें और अगर रुचक योग की स्थितियां नहीं है तो खुद के भीतर ऊर्जा के प्रवाह को निरन्तर तौर के ऊपर महसूस करें। कोई भी कितना ही नेगेटिव करने वाला हो, हम जब तक उसकी बात सुनेंगे नहीं रियेक्टिव नहीं होंगे तब तक अपनी जिंदगी के अंदर एक सधे हुए लक्ष्य की ओर चलते चले जाएंगे।

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