परिवर्तन करता है जीवन को आनंदित.Change makes life happy

 ये व्यक्ति ऐसा क्यों है? मैं कई बार समझा चुका हूं लेकिन कोई भी परिवर्तन इसके भीतर नहीं आ पा रहा है। भले ही कामकाजी जीवन हो या स्वभावगत स्थितियां। एक रियेक्टिव एप्रोच बारम्बार हमारे मन के भीतर उस व्यक्ति विशेष के लिए निकल कर आती है जो कहीं-न-कहीं आगे जाकर फस्र्टेशन में बदलती है और फस्र्टेशन फिर एक हायर लेवल की एंगर की पोजीशन्स को क्रियेट करता है। यह सारी ही जो स्थितियां है मन को विचलित करने वाली हो जाती है तब तक हम किसी व्यक्ति कि स्थितियों को सहर्ष स्वीकार नहीं करते। और जिस दिन हम किसी भी व्यक्ति विशेष की पोजीशन को स्वीकार कर लेते हैं कि हां यह ऐसा है। 

पर्सनेल्टी यही है कि प्रत्येक व्यक्ति परिवर्तित होगा। उसके गुण-धर्म अलग-अलग होंगे। रोबोटिक पोजीशन के साथ में कोई भी कार्य नहीं कर सकता। तो वहीं जब हम यह स्वीकारोक्ति लेकर चलते हैं तो कहीं-न-कहीं खुद को भी हल्का-फुल्का परिवर्तित करने लगते हैं और अगले व्यक्ति विशेष को भी यह इंडीकेशन्स देते हैं कि हम चैजेंज लेकर आ सकते हैं। और आपके साथ में बेहद आसानी से चला जा सकता है। 

आप हमको स्वीकार करें, हम आपको स्वीकार करें तो जब यह रियेक्टिव पोजीशन एक्टिव पोजीशन्स के अंदर बदलती है यानि कि कहीं-न-कहीं हम भी खुद को स्वच्छंद तरीके से परिवर्तित करने की ओर जाते हैं तो पूरी ही फिजा बदल कर रह जाती है। और जीवन का जो नजरिया है वह इसी तरह से बदलता है। जिससे कि सुखद स्थितियां और सरलता जीवन में प्रवेश कर पाती है।

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