दिसम्बर महीने का राशिफल तुला राशि के जातकों के लिए

तुला राशि के जातकों के लिए दिसम्बर माह का राशिफल किस तरह की गतिविधियां लेकर आ रहा है, इसका एक विवेचन। ग्रह गोचरीय व्यवस्थाओं का अध्ययन तथा साथ ही प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी हुई चर्चाओं का विश्लेषण बारह ही भावों के माध्यम से होने वाले परिवर्तनों को जानने का प्रयास करते चले जाएंगे। चन्द्रमा यहां राशि स्थान पर प्रतीकात्मक तौर पर दिखाया गया है। प्रस्तुत राशिफल चन्द्र राशि के ऊपर आधारित होता है।

प्रथम भाव- 1 से 11 दिसम्बर, 2020 के मध्य का समय अंतराल है ये आपके लिए प्रजेंटेबल एप्रोच लाने वाला रहेगा। प्रत्येक कार्य क्षेत्र के साथ में चलते हुए आप अपने जीवन के अंदर एक नई चमक-दमक की आभा बिखरने वाले होंगे। जहां पर आपको स्वयं को एक्सप्लोर करके रखना था, भीतर हुनर है, निर्णायक मौके पर हुनर काम नहीं आया तो वह किस काम का। किन्तु 1 से  11 दिसम्बर में पोजीटिव स्थितियां बनी रहेगी। नौकरी पेशा जीवन में शत्रु सता रहे थे, वो आपकी चमक-दमक की आभा से साइड लाइन होते चले जाएंगे। टैक्सटाइल संबंधित कामकाज में ये समय वृद्धि के प्रतिमान देने वाला होगा। कामकाजी जीवन के अंदर निर्णायक मौकों पर आलस्य परेशान करने वाला नहीं है क्योंकि शनि देव सातवीं दृष्टि से कर्म भाव को, दशम भाव से राशि भाव को देखने वाले होंगे, जब भी मित्र ग्रह को देखते हैं तो प्रभाव के अंदर अलग तरीके की सकारात्मकता लेकर आते हैं। सकारात्मकता यही है कि पोजीशन को धीमा कर जाएंगे, जिससे ऑफर सामने आया हुआ है, वह निकल जाएगा। इसलिए ऐसी प्रवृतियों से बचने की आवश्यकता रहेगी। व्यापारिक जीवन के अंदर शुरुआती तौर पर उन्नति का एक मार्ग प्रशस्त करने वाली होगी। मंगल की भी शुरुआती 24 दिनों के लिए आठवीं दृष्टि राशि भाव पर रहेगी, ये भी प्रभावी तौर पर आपके लिए स्पष्ट तौर पर अच्छे संकेत लेकर आ रही है। टेक्नोलॉजी संबंधित कामकाज में परिवर्तन करना चाहते हैं, या फिर किसी व्यक्ति को रिफलेशन करना चाहते हैं, ऐसे कार्य में भी बढ़ सकते हैं। व्यापार में है, निर्णायक भूमिका कोई निभा रहा है, किन्तु आपको लग रहा है कि यहां से स्पष्टता नहीं आ रही है तो उसको हटाया और किसी व्यक्ति को बैठाया और नई जिम्मेदारी पुराने व्यक्ति को दे दी गई, ऐसी संभावनाओं पर चलने पर उन्नति के मार्ग प्रशस्त रहेंगे।

द्वितीय भाव- 11 दिसम्बर के बाद से लक्षाधिपति योग और छह से सात दिनों में लक्ष्मी नारायण योग बन चुका होगा इसलिए धनागमन लेकर आएगा। वाणी चमत्कृत तौर पर 11 से 17 दिसम्बर के मध्य सहयोग देने वाली होगी। इसके अलावा एक नेगेटिवी आ सकती है, शुरुआती दिनों में आप कितने तथ्यात्मक है इसका ख्याल रखियेगा। 17 से 31 दिसम्बर के मध्य व्यापार में कोई भी वायद करते हैं तो ये ध्यान रखें कि उसके पीछे हमारा आधार क्या है। हमारी जो टीम है, क्या उसके अंदर अभी किसी भी तरीके की निराशा की स्थितियां तो नहीं है, क्या है हम वायदा पूर कर पाएंगे। ये सब कुछ समझकर चलने की आवश्यकताएं है। कुटुम्बीजनों के साथ कहीं पर भी आप अपनी भाषा के साथ समझौता करने का कार्य नहीं करें, जहां स्पष्ट रहना है, वहां स्पष्ट रहें अन्यथा दुविधाएं सामने आ सकती है। लिक्विडटी के क्षेत्र में वृद्धि बनी रहेगी, किन्तु खर्चों पर नियंत्रण संभव नहीं। जब भी द्वितीय और द्वादश में शुक्र होंगे तो ऐसी परेशानियां संभावित तौर पर निकलकर आने वाली हो जाती है, उनसे भी सावधान रहें।

तृतीय भाव- पराक्रम भाव है और यहां से सातवीं स्थिति जो है वो भाग्य भाव की हो जाती है। सूर्य देव जैसे ही 15 दिसम्बर के बाद से यहां पर पराक्रम भाव में प्रवेश करने वाले होंगे, जो लोग नौकरी पेशा जीवन में लम्बे समय से सक्रिय नहीं हो पा रहे थे, उनके लिए ये दूसरा पखवाड़ा अति महत्वपूर्ण कहा जा सकता है। कोई भी ऑफर आए आप उसको समझौते के साथ स्वीकार करते हैं, जीवन वहीं से परिवर्तित होना शुरू हो जाएगा। भाग्य की दस्तक भी मिलेगी। हालांकि ढैय्या चल रही है, संघर्षों से इंकार नहीं किया जा सकता, वृद्धि बनी रहेगी। भीतर का दर्शन भी परिवर्तित होगा। व्यापार में चल रहे हैं, बारम्बार प्रयास करते हुए चल रहे हैं, किन्तु सफलता नहीं मिल पा रही है, नौकरी की ओर जाना चाहते हैं, किन्तु तथाकथित तौर पर सोशियल एंग्जाइटी उसके साथ जुड़ा हुआ कि लोग क्या कहेंगे, उससे मुक्त होने की आवश्यकता है तो फिर से रोटेशन को क्रियेट करने वाला हो जाएगा। महत्वाकांक्षाओं पर नियंत्रण रखियेगा। जॉब में प्रमोशन की स्थितियां बनने वाली रहेगी।

चतुर्थ भाव- जमीन से जुड़े हुए निर्णय लम्बे समय से आपको परेशान कर रहे थे, व्यापार के अंदर उन्नति थी, आपने कोई ऐसेट पर्चेज की, अब व्यापार में धीमापन है, हम रोटेशन लाना चाह रहे हैं, वही जमीन हमें सहारे के रूप में दिखाई दे रही है। ये समय उस आधार को निर्मित कर सकता है जहां से आप खुद के फिर से एक गेनफुल एप्रोच को सामने लाने वाले रहें। सर्विस इंडस्ट्री, बैंकिंग इंडस्ट्रीज, कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट और बिल्डिंग मेटेरियल, लोजेस्टिक, ट्रांसपोर्ट ये सभी क्षेत्र विशेष में स्थायित्व के सरोकार लेकर आ रहे हैं। क्योंकि देव गुरु वृहस्पति सातवीं दृष्टि से अपने उच्च राशि स्थान को देखने वाले होंगे। खर्चों पर भी नियंत्रण लगाएंगे। सामाजिक स्तर के ऊपर नाम को स्थापित किया है, वह अब फायदा देने वाला हो सकता है। वायुजनित विकार हृदय से जुड़े हुए होते हैं, वहां पर सावधान रहने की आवश्याएं रहने वाली रहेगी। माता स्थान के साथ जुड़ाव बढ़ेगा।

पंचम भाव- पंचमेश यानि द्वितीय त्रिकोण के आधिपति है वो स्वयं से द्वादश होकर चतुर्थ भाव में चलायमान है। देव गुरु वृहस्पति की स्थितियों के साथ चलायमान है इसलिए आकस्मिक धन लाभ के क्षेत्र में बहुत ज्यादा संभावनाएं नहीं। शेयर मार्केट संबंधित कामकाज में आपको संभलकर निवेश करना चाहिए। किसी रोटेशन की ओर जाना चाहते हैं, कोई व्यक्ति कह रहा है, तब भी रुकना चाहिए। किसी की बातचीत में आकर खुद का बड़े स्तर पर गफलत का आधार बनाने से आपको रुकना हितकर है। कई बार लाभ नजर आता है, हो सकता है, किन्तु जब मालूम है कि समय की स्थितियां परिवर्तन लेकर आ सकती है, नेगेटिविटी भी आ सकती है, तो रिस्क से बचना अच्छा रहता है। संतान की शिक्षा की स्थितियां चल रही थी, वहां पर भी आपके लिए इंस्ट्रक्शन निकल कर आ सकते हैं। स्वयं की शिक्षा में भी रिलेशन्स हावी रह सकते हैं। शिक्षा के समय खर्च कहीं ओर होता है तो वह भविष्य की नींव को हिलाने वाला हो जाता है। ऐसी प्रवृतियों से आपको सावधान रहना होगा। क्षमताओं के साथ में आधारित कार्य होता है वहां पर केलकुलटिव रहियेगा। चतुर्थ और पंचम की स्थितियों को देखकर यही कहा जा सकता है। फैमिली वे की ओर अग्रसर महिलाओं को यात्राएं 15 से 31 दिसम्बर के मध्य ठीक कही जा सकती है। प्रोफेशनल लाइफ में एक्टिव होने की ओर गतिमान हो सकते हैं।

षष्ट भाव- 1 से 24 दिसम्बर के मध्य यहां आपको किसी भी तरीके के व्यापारिक बढ़ोतरी के लिए, किसी भूमि के लिए या फिर किसी ऐसे कार्य के लिए जो कि पर्सनल बेसेज के ऊपर हो, लोन लेने से बचना चाहिए। ऐसे किसी भी केलकुलेशन की ओर नहीं जाएं तो ज्यादा बेहतर रहेगा। रक्त संबंधी विकार सताने वाले हो सकते हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से पहले से रोग परेशान करने वाले थे, उससे बाहर निकल पाएंगे, किन्तु रक्त संबंधी विकार फिर से परेशान नहीं करें, ख्याल रखियेगा। शत्रु हावी नहीं हो पाएंगे। शनि देव की जो दृष्टि है वो इस बात को वृद्धि की ओर ले जाती है। किन्तु जो ऋण रूपी शत्रु है उसे हावी नहीं होने दें तो बेहतर है। ऋण की बार वृद्धि की ओर ले जाता है तो कई बार चिंताओं के साथ भी जोड़ देता है। चिंता व्यक्ति के भीतर का बड़ा शत्रु है।

सप्तम भाव- सप्तमेश स्वयं से द्वादश रहेंगे शुरुआती अंतराल के अंदर। इसी वजह से गृहस्थ जीवन के अंदर आप यहां तालमेल बिठाने का प्रयास कीजियेगा। गृहस्थ को प्रोपर समय दें। जिससे रिश्ते की बुनियादी स्तर को निर्मित करने वाला आधार होगा। व्यापारिक साझेदारियों में किसी तरह की डिफरेंसेज की स्थिति आती है, तो बहुत ज्यादा सावधान रहकर चलने की आवश्यकता रहेगी। तीव्रता के साथ बढऩे का प्रयास करें तो अच्छा। व्यापारिक जीवन में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट से रिलेट करते हुए कामकाज होते हैं वो आपके लिए स्पेशिफिक लेवल पर अच्छी पोजीशन को निर्मित कर रहे हैं। वहीं फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज, टेक्नोलॉजी और वहीं पर छोटी छोटी यात्राओं के साथ में आपका कामकाज जुड़ा हुआ है ये समय वहां पर भी आपको महत्वपूर्व आधार दे रहा है। इसको पहचानकर चलना होगा। 24 से 31 दिसम्बर, 2020 के मध्य का समय अंतराल भरपूर आत्मविश्वास से चलते हुए अपने एग्जेस्टिंग बेस क्रियेट कर पाएंगे, जहां से भविष्य की सुनहरी उम्मीदों के साथ सोचते हुए कर्म भी किया जा सके।

अष्टम भाव- ये समय केमिकल संबंधी कामकाज के साथ में बेहतर है। किन्तु अज्ञात भय लगातार देगा। प्रत्येक संघर्ष के बाद मन ये कहता कि आगे क्या। समझ लेना चाहिए कि राहू की स्थिति परेशान कर रही है। शिव उपासना के साथ चलियेगा। विदेश संबंधी कार्यों में थोड़ी सी परेशानियां रहेगी हालांकि वृहस्पति सपोर्टिव बेस देने वाले हैं किन्तु राहू गफलत क्रियेट कर रहे हैं। इस महीने के अंतराल में जहां पर शैड बैक आए उससे खुद को परेशान नहीं करें। रिसर्च एनेलेसिस के कामकाज में समस्याएं परेशान करने वाले हो सकते हैं।

नवम भाव-  17 से 31 दिसम्बर के मध्य भाग्य पूर्ण रूप से सहयोग देने वाला होगा। जो मेहनत आपने की है उसके यथेष्ट फल यहां पर मिलते चले जाएंगे। अनुभव की व्यवस्थाएं भी जीवन को एक अलग आधार के साथ में रखने वाली होगी। उच्च शिक्षा में फाइनेंस संबंधी किसी कामकाज के साथ चल रहे हैं तब भी ये समय वहां सपोर्ट देने वाला रहेगा। किसी शुरुआत की ओर जाना चाहते हैं, वहां भी गतिमान हो सकते हैं। किन्तु जो समय तय करना है वह 1 से 15 दिसम्बर के मध्य रहे। मल मास के पहले इस गतिविधि को पूर्ण करना आवश्यक रहेगी।

दशम भाव- नौकरी पेशा जीवन के अंदर आप जैसे ही किसी परिवर्तन की ओर गए या फिर से सक्रिय हुए वहां कन्फर्ट जोन बनने में टाइम लगेगा, किन्तु आपके लिए कामकाजी जीवन में इंस्टेट बेस की जिम्मेदारियां सामने आती चली जाएगी। संवेदनशीलता को बनाकर रखियेगा। जहां पर भी कामकाज में आलस्य आता है, खुद से कहें, ये समय आलस्य करने का नहीं है। अभी काम करते हैं फिर सोचेंगे। पिता के साथ कामकाज में यहां जुड़ाव बढ़ता चला जाएगा। वर्किंग एक्सपर्टीज फायदा देने वाली होगी। व्यापारियक और नौकरी पेशा जीवन में जब लोगों के साथ जुड़ाव बढ़ता है तो विश्वास भी बढ़ता है कि हम सही रास्ते के ऊपर है। ऐसी प्रवृतियों के साथ जरूर चलना चाहिए। प्रबंधन संबंधी कामकाज में भी आप जिस एक्सपर्टीज के साथ चले है वो फायदा दे रही है तो एकल बूते निर्णय लेने वाले हो सकते हैं।

एकादश भाव- नवम पंचम का सहयोग 15 दिसम्बर के बाद बनेगा जिससे लाभ मिलेगा प्रत्येक कर्म और पराक्रम के साथ में। आपका द्वारा किया गया समय का निवेश निश्चित तौर पर सम्मान और अर्थ लाभ को लेकर आ रहा है। भीतर की फिलोसोपी लोगों तक पहुंचती है, भीतर क्या सोचते हैं वो लोगों के सामने रखे तो लोग जुड़ पाते हैं और आपके बारे में निष्कर्ष निकालने से पहले फैलोसिप को जरूर सामने रखते हैं कि व्यक्ति नैतिकता के साथ चलने वाला है। ऐसे प्रभाव भी सकारात्मक रहेंगे।

द्वादश भाव- खर्चे निवेश की ओर जाने वाले होंगे। जो भी खर्चे करेंगे उनकी शक्ल निवेश में रहेगी इसलिए चिंतित होने की आवश्यकता रहेगी। वाणी की बहुत ज्यादा खर्चे रह सकता है। कोर्ट कचहरी मामलात में समाधान रहेंगे। जिस व्यापार में सफलता नहीं मिल पा रही थी, यहां सोच का व्यय करते हैं कोई नया आइडिया लाते हैं और वहीं से जीवन परिवर्तित होता चला जाता है। ये सारे ही संभावित स्तर आपके सामने रहने वाले हैं। ढैय्या की स्थिति के साथ संघर्ष के साथ आशा के दीप प्रज्जवलित होने वाले रहेंगे।

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