दिसम्बर महीने का राशिफल कुंभ राशि के जातकों के लिए

कुंभ राशि के जातकों के लिए दिसम्बर माह का राशिफल किस तरह की गतिविधियां लेकर आ रहा है, इसका एक विवेचन। ग्रह गोचरीय व्यवस्थाओं का अध्ययन तथा साथ ही प्रत्येक क्षेत्र से जुड़ी हुई चर्चाओं का विश्लेषण बारह ही भावों के माध्यम से होने वाले परिवर्तनों को जानने का प्रयास करते चले जाएंगे। चन्द्रमा यहां राशि स्थान पर प्रतीकात्मक तौर पर दिखाया गया है। प्रस्तुत राशिफल चन्द्र राशि के ऊपर आधारित होता है।

प्रथम भाव- व्यापारिक जीवन के अंदर आप बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने से बचियेगा। यदि कोई सिस्टेमेटिक एप्रोच चल रही है, जिसको मेंटन करके चल रहे हैं, जहां अर्थ तंत्र के लाभ नहीं है, हम पोजीशन को मेंटन कर पा रहा है, वो अच्छा है। निवेश की स्थितियों से बचना चाहिए। व्यापारिक जीवन में किसी व्यक्ति विशेष के ऊपर त्वरित गति के साथ भरोसा करने से बचना चाहिए। वर्बल कमीटमेंट होते हैं व्यापारिक जीवन में वो भी उलझाने वाले हो सकते हैं, कोई भी कमीटमेंट करना है तो पहले खुद के भीतर गणनाएं स्थापित करें, जो छवि आपकी वर्षों से बनी हुई है, एक गलत कमीटमेंट फंसाने वाला नहीं हो जाए इस बात को समझकर चलना होगा। कामकाजी जीवन में विदेश संबंधी गतिविधियां होती है, देव गुरु वृहस्पति के लाभेश और राशि भाव के आधिपति द्वादश भाव में आ जाने की वजह से ऐसी प्रवृतियों में वृद्धि रहेगी। बाहर की भूमि से जुड़े कामकाज में ये पोजीशन अलग लेवल को मेंटन करती चली जा रही है। कंस्ट्रक्शन संबंधी कामकाज में फिर से शुरुआत का अवसर मिलता है। लम्बे समय से इस क्षेत्र में नहीं थे, कोई एप्रोच करता है और फिर से कामकाज में जुडऩे का अवसर उपलब्ध करवाता है वहां पर आप फिर से शुरुआत कर सकते हैं, जहां खोने के लिए कुछ नहीं हो वहां शुरुआत करेंगे तो अंततोगत्वा अनुभव और अर्थ तंत्र में वृद्धि लाने वाले होंगे। नौकरी पेशा जीवन में कोई परिवर्तन चाह रहे हैं, फस्र्टेशन की वजह से आप ये परिवर्तन चाह रहे हैं तो 1 से 15 दिसम्बर तक ऐसे निर्णय से रुकियेगा उसके बाद में बढ़ते है तो ठीक है।

द्वितीय भाव- एग्जेस्टिंग बिजनस जो भी चल रहा है वहां आपके लिए प्रोग्रेस बनी रहेगी। अनुशासन के साथ भी चलने वाले होंगे। कोई आपको बारम्बार उकसा रहा है, और आप उसकी बातों में आकर तीसरे व्यक्ति के साथ क्लेसेज को जनरेट कर देते हैं तो ये आपकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली प्रवृति हो सकती है। कहीं से कुछ सुनते हैं उसके बाद रियेक्टिव हो जाते हैं और इंस्टेंट बेस पर उसे जवाब देने से बचना होगा। सुना, समझा थोड़े से समय के लिए रुके, मन को शांत किया उसके बाद ही उससे बातचीत की जाए तो प्रोसेस में समय निकलता है और नकारात्मकता से बचते हैं। मंगल ऐसी प्रवृतियों को देते हैं। पराक्रमेश और स्वयं से द्वादश होकर द्वितीय भाव में चलायमान है। कुटुम्बीजनों के साथ वाद-विवाद की स्थितियां लम्बे समय से घेरे हुए थी, 1 से 24 दिसम्बर के मध्य वहां पर भी आपको पेशेंस के साथ चलना होगा। लिक्विडिटी संबंधी कामकाज में, जहां रोटेशन आता है, पॉसिबल एप्रोच के अंदर 11 से 17 दिसम्बर का समय छह से सात दिनों के अंदर आपके लिए धनागमन की उपलब्धता को दिखाने वाला होगा। ऋण संबंधी समाधान नहीं मिल पा रहा था, लगातार चिंतित थे कैसे इस प्रोबलम से निकलेंगे, ये समय त्वरित गति से रिलीफ देने वाला हो सकता है।

तृतीय भाव- ये समय अंतराल 1 से 24 दिसम्बर तक चलेगा पराक्रम का बारम्बार व्यय करवाने वाला होगा। आप न चाहते हुए भी कई बार जवाब देने से रोक नहीं पाएंगे। ऐसे समय के अंदर आपको कार्तिकेय उपासना निरन्तर करनी चाहिए। ऊर्जा जिस ओर जानी चाहिए जब उस ओर जाती है तो परिणाम भी लेकर आती है। 1 से 24 दिसम्बर के मध्य आप अनुशासन संबंधी किसी कामकाज में जुड़े हुए हैं, जहां अनुशासन की आवश्यकता होती है, समयबद्धता के साथ चलना होता है जो तृतीय हाउस की लार्डशिप यहां वृहस्पति के राशि स्थान में है, ऐसी समयबद्धता की ओर आप चल पाएंगे। ये स्पष्ट स्थिति है अनुशासन संबंधी कामकाज के अंदर। वर्बल कमीटमेंट से बचियेगा। टेक्नोलाजी संबंधी क्षेत्र विशेष के साथ जॉब कर रहे हैं, वाणी आपके अधिकार के साथ चलने वाली होगी। ज्ञान का स्फुटन निकलकर आता चला जाएगा। महत्वाकांक्षाओं पर नियंत्रण रखियेगा। 24 से 31 दिसम्बर तक का ये समय अंतराल रहने वाला है आपके लिए टेक्नीकल फील्ड के अंदर यांत्रिक विधा संबंधी फील्ड के अंदर, मेडिकल फील्ड के अंदर बहुत बड़े चेंजेंज लेकर आ सकता है। ऑफर इंस्टेंट बेस पर सामने आएंगे आपने उसको थाम लिया, उसके साथ बढ़ते चले गए तो सफलता निश्चित तौर पर साथ जुड़ी रहेगी। भाइयों के साथ संबंधों में संभलकर रहना होगा। मित्रों पर अत्यधिक विश्वास और कलह करने से भी बचें।

चतुर्थ भाव- मेटेरियलस्टिक लग्जरी आपको फैशीनेट कर सकती है, उससे बचना होगा। पूरे साल भर के अंदर धन की स्थितियों को लेकर चलते चले गए, परेशानियां नहीं आई, किन्तु दिसम्बर महीने के अंदर हमारे ऊपर भौतिकता के लोग हावी होने लगते हैं और हम गलत निर्णय की ओर चले जाते हैं, वहां से सावधान रहने का प्रयास करें। सर्विस इंडस्ट्री और केमिकल के काम में वृद्धि रहेगी। देव गुरु वृहस्पति पांचवीं दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखने वाले होंगे। राहू द्वादश को देखने वाले होंगे इसलिए वहां सकारात्मक संकेत बनता चला जाएगा। भूमि संबंधित कामकाज में नए निवेश से आपको बचकर चलने का प्रयास करना होगा। एग्रीकल्चर संबंधी कार्य में नवाचार की आवश्यकताएं नहीं है। नेटिव पैलेस के साथ किसी कार्य की शुरुआत करनी है, लम्बे समय से अटकाव था, ऐसे सारे ही प्रभाव को स्वीकार करके आगे बढ़ा जा सकता है।

पंचम भाव- 1 से 17 दिसम्बर तक आपके लिए शिक्षा के साथ में जुड़े हुए क्षेत्र अवसरों को निर्मित करने वाले होंगे। पंचमेश यहां जब भी दशम भाव यानि द्वितीय त्रिकोण के आधिपति जब उतरोतर बलि केन्द्र के अंदर हो जाते हैं उसमें भी 11 से 17 दिसम्बर तक का जो समय अंतराल है, प्रत्येक स्तर के ऊपर, भले ही आकस्मिक धन लाभ हो, शिक्षा संबंधी स्थितियां फाइनेंस के साथ जुड़ी हो, फैशन टेक्नोलाजी के साथ, संतान पक्ष को व्यापारिक जीवन में जोडऩा चाहते हैं परोक्ष तौर पर शिक्षा देना चाहते हैं उसके बाद में वहां उनको बागड़ोर हस्तांतरित करना चाहते है वो सारे ही क्षेत्र विशेष बेहतर से बेहतर परिणाम देंगे। शेयर मार्केट संबंधी निवेश के अंदर आपने जो केलकुलेशन अपनाई है, उसके साथ में हम चलें तो सफलता की ओर ये समय इंगित कर रहा है। मैनेजमेंट संबंधी स्टडीज में लम्बे समय से एक जॉब में खुद को सक्रिय करना चाह रहे थे, संभावना नहीं बन पा रही थी, ये समय वहां पर भी आपको बेहर प्रोस्पेक्ट देने वाला रहेगा।

षष्ट भाव- ऋण संबंधी गतिविधियां परेशान कर रही थी, वहां नियंत्रण उसमें भी 24 से 31 दिसम्बर अत्यधिक महत्वपूर्ण समय। देव गुरु वृहस्पति सर्वप्रथम तो यहां पर षष्ट भाव है, ऋण भाव वहां अपने उच्च राशि स्थान को देखते हुए समाधान देंगे। ऐसे कामकाज की ओर हम गए जहां हमको सफलता की बजाय सिर्फ फाइनेंसियल बर्डन मिले, हम उलझते चले गए। शनि देव की स्थितियों ने समाधान को इंगित तो किया लेकिन हम वहां नहीं पहुंच पाए। देव गुरु वृहस्पति 20 नवम्बर से देखते ही प्रभावी तौर पर वृहस्पति की स्थिति है सपोर्ट है, 24 से मंगल की दृष्टि बहुत अच्छे से सहयोग प्रदान करने वाली होगी। शत्रु नियंत्रण में रहेंगे। आलस्य प्रमुख तौर पर दूर होता चला जाएगा। वायुजनित विकार डाइजेस्टिव सिस्टम में परेशानियां निकल कर आ सकती है।

सप्तम भाव- 1 से 15 दिसम्बर तक का समय रहेगा यहां आपकी कर्मशीलता बढ़ेगी। आप निरन्तर ऊर्जावान होकर चलने वाले होंगे। मानसिक सुख भले ही वृहस्पति बढ़ाने का प्रयास करें, किन्तु बढ़ नहीं पाएगा। अज्ञात भय हावी रहेंगे। 16 से 31 दिसम्बर का समय अंतराल दूसरे पखवाड़े के भीतर जब व्यापार भाव के आधिपति लाभ भाव के भीतर वृहस्पति के राशि स्थान के साथ चलायमान रहेंगे, भले ही मल मास की स्थितियां चल रही हो, किन्तु जब बुद्धादित्य योग 17 दिसम्बर के बाद बन जाएगा तब आप कमीशनिंग, प्रकाश, कम्युनिकेशन जो तकनीक के साथ जुड़कर चलता है, ऐसे क्षेत्रों के अंदर फाइनेंसियल गेन स्टेब्लिटी, देखिये एक महीने का फाइनेंसियल ज्यादा डर देता है कि अगले महीने कैसे मेंटन करेंगे, किन्तु ऐसा काम जुड़ा जो लगातार फ्लो में है। ये समय साढ़े साती के प्रथम प्रवासकाल में ऐसी सम्यक स्थितियां दिखाता है। देव गुरु वृहस्पति भले ही नीचस्थ स्थितियों में इस डर से आजाद होकर जीना होगा। जब वृहस्पति नौवीं अमतमयी दृष्टि से अष्टम को देखेंगे तो हिडन प्रोबलम दूर होने लगती है, ऋण संबंधी समाधान आने लगते हैं। मति में स्थिरता विद्यमान हो तो व्यक्ति घबराता नहीं है।

अष्टम भाव- अष्टमेश की स्थितियां है वो शुरुआती स्तर पर दशम भाव में रहेगी। इसी वजह से हिडन प्रोबलम सिस्टेमेटिक एप्रोच के अंदर सेल्फ मैनेजमेंट की वजह से दूर होती चली जाएगी। जिस कार्य में इग्नोरेंस बनी हुई थी, वो फिर से सामने आता है, हमारी गड़बडिय़ां सामने आती है, कार्य कौशल का उपयोग नहीं किया था, ऐसे समाधान रहेंगे आपके लिए। विदेश संबंधित कामकाज में जहां पर प्रबंधन की कमी थी, वो भी बढ़ोतरी की ओर जाएगा। आकस्मिक धन लाभ के क्षेत्र में आप देखिये एक तो बुध की स्थितियां और यहां से भी बुध की स्थितियां एक सिस्टेमेटिक फ्लो दे रही है। 17 से 31 दिसम्बर के मध्य और ज्यादा बढ़ोतरी की ओर जाने वाली रहेगी।

नवम भाव- शुरुआती स्तर पर इटयूशन अच्छे से मिलेंगे। मन कहता है इस कार्य में न जाएं, तो नहीं बढ़े। फैशन टेक्नोलाजी, इंटीरियर डिजाइन में अनुभव का सहयोग मिलेगा प्रजेंटेबल स्थिति सपोर्ट के साथ चलने वाली रहेगी। आध्यात्मिक चिंतन के अंदर कमी बनी रहेगी।

दशम भाव- सोच में आप जड़ता बिलकुल नहीं भी रखियेगा। एक स्थिर वादी सोच से बचकर चलियेगा। यानि कि किसी के बारे में कोई धारणा बना ली, उसी के साथ चल रहे हैं, ऐसी स्थितियों से मुक्त होकर चलना होगा। इच्छाशक्ति में निरन्तर बढ़ोतरी रहने वाली है, किन्तु उसका फ्लो एक सिमेटरी के अंदर चलेगा। जॉब में परिवर्तन चाहते हैं, ये ध्यान रखें बहुत ज्यादा केलकुलेटिव रहें। 15 से 31 दिसम्बर के मध्य जाना हितगामी है। फैशीनेसन के साथ जीवन को नहीं जोड़े। पिता के साथ कामकाज में बहुत कुछ सीखा है, यहां ओब्जर्व की आवश्यकता है, नई तकनीक लाना चाहते हैं, पहले उसको समझें फिर अपनी बातचीत को रखने वाले।

एकादश भाव- सूर्य देव पुण्य फलों का उदय करने वाले होंगे। संतान पक्ष के साथ में जुड़ाव की कमी थी, उसके अंदर बहुत ज्यादा तो सुधार नहीं है, किन्तु उनके जीवन के अंदर जो महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं आपकी समझाइश बहुत ज्यादा काम आने वाली होगी। व्यापारिक जीवन में उनको जोड़ा जा सकता है। उस ओर गतिमान रहियेगा।

द्वादश भाव- विदेश संबंधी जो कार्य है, वहां पर आपके लिए 20 नवम्बर के बाद से ही ये समय सम्यक आधार बनाता हुआ चला जा रहा है। प्रबंधन सुधार की गुंजाइशों को सामने रखने वाला होगा। कोई भी कार्य जो कि कोर्ट कचहरी संबंधी मामलात के साथ में परेशानियों के साथ चल रहा था, वहां पर सिस्टेमेटिक प्रोगेस रहेगी। हिडन प्रोबलम्स पर नियंत्रण है। खर्चे परेशान कर रहे थे, वहां नियंत्रण लगता है तो व्यक्ति कहीं-न-कहीं समाधान के बारे में सोच पाता है। वृहस्पति अपने उच्च राशि स्थान को देखते हुए शनि देव अपने उच्च स्थान को देखते हुए यहां आपके लिए मानसिक स्थिरता भी लेकर आएंगे। भाग्य का सहयोग, ऋण में कमी, मानसिक स्थिरता के साथ वृद्धि। साढ़े साती के प्रथम प्रवासकाल में उजाले लेकर आती है। 21 दिसम्बर के मध्य एक रिलीफ आती रहेगी। निर्णय के अंदर सावधानी बरतियेगा।

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