जिंदगी में बदलाव लाने वाले हम स्वयं ही हैं।


मैं हर रोज लोगों से संवाद करता हूं, जानता हूं, समझता हूं तथा जो परेशानियां सामने आती हैं ज्योतिष विज्ञान के माध्यम से उनको सुलझाने का प्रयास भी करता हूं। कई बार इस अलोचना का शिकार भी होना पड़ता हैं कि आप समय के साथ समाधान की बात ज्यादा करते हैं उपायों के साथ थोड़ी कम। 
आप खुद अपने भीतर ये उत्तर खोजने का प्रयास कीजिएगा कि जीवन में जो परेशानियां आई उसके हम कितने हकदार थे, लिये हुए निर्णय कितने जिम्मेदार थे तथा कितनी ऐसी परेशानियां आई जिसके सरोकार हम से नहीं थे। कई बार लोग मुझे कहते हैं कि उम्र के 30 वर्षों तक मानता रहा कि मैं स्वयं ही अपना भाग्य विद्याता हूं और स्वयं ही अपने कर्म के सहारे सब कुछ प्राप्त कर रहा हूं किंतु जब कुछ ऐसे निर्णय मैंने लिये जो उस समय बेहद अच्छे जान पड़ रहे थे लेकिन जैसे जैसे आगे बढ़ा उन निर्णयों के भंवर में ही जीवन फस कर रह गया। तब जाकर ये ज्ञान हुआ कि हम एक व्यवस्था के अधीन हैं और वो व्यवस्था भी सर्वोच्च सत्ता के सामंजस्य को निरूपित करती हैं। इसी वजह से कोई भी निर्णय लेने से पहले ग्रहीय व्यवस्था के माध्यम से अपने समय की चाल को जानना और कार्य करना सबसे अधिक आवश्यक हैं और यही सारे बदलाव उजागर होते हैं।
हमारी शिकायत जीवन से रहती हैं कि क्या है बदलाव, कहां है बदलाव, किस तरह होगा बदलाव इन सारे प्रश्नों का उत्तर यही हैं कि भीतर की प्रेरणा में निहित है बदलाव और खुद में ही स्थित हैं बदलाव, जीवन को पीछे मुड़ कर देखने पर और वर्तमान में स्थिर खड़े होने पर भविष्य में आने वाली असीम संभावनाओं को पहचान कर कार्य करना है बदलाव और ज्योतिष विज्ञान प्रकृति के माध्यम से हमें यह संकेत देता हैं जो गुण हमारे भीतर ईश्वर प्रदत्त हैं हम उनकी तरफ खुद को मोड़ें तथा उसी तरफ जीवन को जोड़ें।
 मैं पाठकों से यही निवेदन करूंगा कि जब अंतर से अंतर मिटते हैं तो हम अपनी स्वीकारोक्ति को प्रत्येक व्यक्ति से जोड़ पाते हैं। कभी रूकने में समझदारी हैं तो दुगुनी रफ्तार के साथ थके हुए कदमों के साथ भी चलना समझदारी हैं।

Comments

  1. प्रणाम, शब्दों का चयन आपकी सबसे बड़ी खूबी है।

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